Kharmas 2024-25 News: हिंदू धर्मों के संवत कैलेंडर के अनुसार वर्ष में कुछ अवधि ऐसी होती है जिसमें कुछ कामों को शुरू करने का अशुभ मानते हैं अर्थात खरमास के इन अवधि के महीने को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है।
जब सूर्य देवता राशि बदल करके धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब धनु संक्रांति होती है। धनु संक्रांति से ही खरमास की शुरुआत होती है। पूरे एक महीने तक भगवान सूर्य धनु राशि में रहते हैं,जिस कारण खरमास भी पूरे एक महीने तक चलता है। इस वर्ष Kharmas 2024-25 में भी कुछ अवधि ऐसा ही है। खरमास क्या होता है? आइए सबसे पहले Kharmas की कथा को जानते है।
खरमास क्या होता है? Kharmas को अशुभ क्यों माना जाता है?
यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है गदहा। ” खर ” का अर्थ गदहा और ” मास ” का अर्थ महीना। खरमास से संबंधित प्रचलित मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि एक बार सूर्य देवता अपने रथ पर बैठकर ब्राह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे। इस दौरान उनके रुकने का मतलब धरती पर जनजीवन का रुक जाना। इसलिए उनका रथ हमेशा चलता रहता था।
कुछ समय पश्चात् उनके घोड़े थक गए और उनको प्यास लगने लगी। इससे चिंतित होकर भगवान ने रथ को एक नदी के किनारे रोक दिया। घोड़ों को आराम करने के लिए छोड़ दिया। इसी वक्त तालाब किनारे दो गदहे चर रहे थे।
भगवान ने दोनों गदहों को रथ से जोड़ा और फिर परिक्रमा के लिए निकल पड़े। गदहों की स्पीड घोड़ों के मुकाबले कम होती है इसलिए रथ की रफ्तार धीमी हो गई।
भगवान सूर्यदेव ने एक महीने का वक्त पूरा किया और पुनः तालाब के किनारे पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गदहों को मुक्त किया और घोड़ों को रथ से जोड़ा और फिर परिक्रमा पर निकले पड़े। इस तरह से हर साल में एक महीना Kharmas का होता है।
Kharmas 2024-25 में कब है और खरमास कब समाप्त हो रहा हैं?
इस वर्ष 2024 में Kharmas 1 जनवरी से 15 जनवरी तक एवं 16 दिसंबर से प्रारम्भ होकर 31 दिसंबर2024 तक रहेगी। इस अवधि में शुभ कार्य वर्जित रहेगा।
Kharmas 2024-25 में कौन कौन से कार्य वर्जित है?
इन अवधियों में निम्न कार्यों को करना हिन्दू धर्मों के अनुसार अशुभ माना जाता है –
- मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे काम नहीं करना चाहिए।
- यगोपवित संस्कार यानी जनेऊ नहीं किया जाता है।
- गृह प्रवेश और भूमि पूजन के अलावे मकान, जमीन या प्लॉट नहीं खरीदना चााहिए।
- खरमास में कोई भी नया काम नहीं करना चाहिए।
- मुंडन और तिलकोत्सव नहीं करना चाहिए।
- खरमास में नए कपड़े और आभूषण पहनना नुकसानदायक होता है।
खरमास साल में कितनी बार लगता है?
खरमास वर्ष में दो बार लगती है। साल के प्रारम्भ में 01जनवरी से प्राम्भ होकर 15 जनवरी को समाप्त हो जाती है। साल के अंतिम माह में पुनः 16 दिसंबर से प्रारम्भ होकर 31 दिसंबर तक रहती है।
खरमास (Kharmas) में क्या करना चाहिए ?
खरमास (Kharmas) अशुभ होता है इसका मतलब कुछ नहीं करना है ऐसा कुछ भी नहीं है। खरमास (Kharmas) अवधि में कुछ कार्य को अच्छा माना जाता है, जैसे –
- खरमास (Kharmas) के महीने में गरीब असहाय की सहायता करने से देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
- खरमास (Kharmas) के महीने में लक्ष्मी नारायण की पूजा करके विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।
- खरमास (Kharmas) के महीने में भगवान सूर्यदेव की पूजा अराधना करने से लाभ मिलता है।
- खरमास (Kharmas) के महीने में जप-तप एवं मंत्रों का उच्चारण करने से शुभ फल मिलता है।
- खरमास (Kharmas) के महीने में ईष्ट देवों की पूजा-पाठ करने से जीवन की तमाम बाधाएं और कष्ट दूर होती हैं।
- खरमास (Kharmas) के महीने में महीने में दान-पुण्य करना भी काफी फलदायक होता है।
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खरमास में क्यों नहीं करते मंगल कार्य या शादी?
बहुतों के मन में ये जिज्ञासा उत्पन्न होती है की आखिर क्या कारण है की खरमास में मांगलिक कार्य या शादी- विवाह नहीं किया जा सकता है, तो इसका कारण भी जान लीजिए।
शादी विवाह का सबसे बड़ा उद्देश्य परिवार का सुख और समृद्धि से होती है। धनु की राशि को सम्पन्नता की राशि माना जाता है। इस समय सूर्य धनु की राशि में होता है, जिसको सुख समृद्धि के लिए शुभ नहीं माना जाता है। यही कारण है कि इस समय का विवाह को अच्छा नहीं माना जाता है । खरमास (kharmas 2024-25) में यही स्थिति रहेगी।
खरमास में द्विरागमन, कर्णवेध, और मुंडन जैसे मांगलिक कार्य इस अवधि में वर्जित रहते हैं। धनु राशि यानी अग्नि भाव में सूर्य का होना, इस अवधि में स्थितियों के लिए अच्छा नहीं हो सकता है।
निष्कर्ष :-
Kharmas 2024-25 में क्या स्थिति है? खरमास क्या होता है और इसके पीछे की पौराणिक कथा का विवरण आप समझ गए होंगे। किस कार्य के लिए शुभ और अशुभ होता है, इन सभी बातों को स्पष्ट तौर पर उल्लेख कर दिए है। उम्मीद है आप खरमास से पूरी तरह परिचित हो गए होंगे।