बेर की चटनी: खट्टे मीठे बेर बचपन में हम सभी कभी न कभी खाए ही होंगे। ये स्वाद में खट्टे-मीठे और पोषण से भरपूर होते हैं। इसका स्वाद मन को जितना भाता है,उससे अधिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसका फल दिसम्बर से फरवरी तक पेड़ों पर मिलते है। कच्चे में ये हरे रंग के तथा पकने पर हलके लाल या लाल-हरे रंग के हो जाते हैं। कच्चे पके बेर सभी खाए है, लेकिन आज हम बेर की चटनी बनाने की जानकारी देंगे, वो भी बिलकुल सरल तरीके से जो आप घर में बहुत आसानी से और काफी स्वादिष्ट बना सकते है।
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बेर की चटनी बनाने की विधि –
बेर की चटनी बनाना बेहद आसान है। स्वाद ऐसा की पांच सितारा होटल का बना भी मात खा जाए। बेर का मौसम में आसानी से हर जगह सुलभ हो जाती है।
- अच्छा से पका बेर आधा किलो।
- साफ़ बर्तन में अच्छा से धोकर कुछ देर के लिए उससे छोड़ दें ताकि पानी सूख जाए । आप चाहे तो धुप में सूखा सकते है।
- कड़ाही को गर्म करें।
- उसमे सरसो तेल डालें।
- अब तेज पत्ता, जीरा, सौंफ, धनिया, सूखी मिर्च, पांच फोड़न को 2-3 मिनट तक हल्का भूनें।
- भुनने के बाद बेर और गुड़ का गाढ़ा घोल को डालें।
- इसमें आधा चम्मच नमक और आधा चम्मच हल्दी डाल दीजिए।
- आधा किलो बेर के लिए 250 ग्राम गुड़ का प्रयोग करें।
- बेर और गुड़ को 4-5 मिनट डबकने दीजिए।
- बीच बीच में उससे चलाते रहें ताकि बर्तन में चिपके नहीं।
- जब गुड़ बेर के साथ अच्छे से मिक्स है जाए उन्हें उतार दीजिए।
- उतारने के बाद भुना हुआ जीरा, सौंप और काजू का बारीकी टुकड़ा डाल कर मिक्स कर दीजिए।
- मिक्स किया हुआ में एक चम्मच इमली पानी मिला दीजिए।
- स्वाद के अनुसार गुड़ को कम ज्यादा कर सकते है।
- अब आपका बेहतरीन स्वादिष्ट बेर की चटनी तैयार है। खुद के साथ औरों को भी खिलाइये ।
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बेर से लाभ
बेर खट्टे जरूर होते है लेकिन इसका फल आपको मीठा मिलेगा। अक्सर खट्टे है सोचकर बेर को बेरुखी से अनदेखा कर देते है लेकिन ये बहुत फायदेमंद होती है। यह आपकी प्रतिरक्षा और पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है और हमारे दांतों, हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है। बेर में कैल्शियम और फास्फोरस पाए जाते हैं जो हड्डियों के निर्माण और स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है।
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बेर खाने की अन्य विधि –
यूँ तो बेर को कच्चा या पका खा सकते है, लेकिन अगर बेर खाने से आपको खांसी होती है तो इन्हे सुखाकर खाइये। जी हाँ दोस्तों पका बेर को सुखाकर 2 माह तक खा सकते है। ये खराब नहीं होंगे बल्कि स्वाद और मिठास में काफी बढ़ोत्तरी होती है। फायदा करेगा सो अलग। धुप में बेर को 10 दिन के लिए रख दीजिए। रात को भी छोड़ दीजिए ख़राब नहीं होंगे। जब पूरी तरह से सुख जाए। छिलका और गुदा के बीच गैप बन जाए तो समझ जाइये बेर सुखकर खाने के लिए तैयार है।
आप सूखे बेर का पाउडर बनाकर उसमे नमक, गरम किया हुआ सरसों तेल, मिर्च और लहुसन डालकर चटनी बना सकते है। ये भी बहुत मजेदार और जायकेदार चटनी है। बेर का पावडर बनाने के लिए अंदर का बीज निकाल दीजिए। उसके बाद मिक्सी या अन्य पीसने वाले सामग्री से बारीकी पावडर बना सकते है। बेर के बीज को तोड़ने पर अंदर में और दो बीज मिलेगी। उससे एक बार जरूर खाइये। स्वाद इतना की मन का लालच कभी ख़त्म नहीं होगी। टाइम पास के लिए बेर का बीज को मुँह के अंदर काफी देर तक कुतर सकते है। इससे मुँह का स्वाद बनी रहती है।
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