मड़ुआ (Raagi)का हलुआ बनाने की सरल विधि और इसके फायदे (Madua / Raagi Khane Ke Fayde )

Madua Khane Ke Fayde :-

मड़ुआ एक परिचय

मड़ुआ को मोटा अनाज के रूप में जाना जाता है। ऐसा अनाज जिसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, और खनिज सामग्री भरपूर मात्रा में होती है। Madua / Raagi Khane Ke Fayde ही फ़ायदे है। छिलका , रोटी , पुआ , लड्डू , हलुआ के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।मड़ुआ अत्यंत स्वादिष्ट और बहुत ही पौष्टिक आहार है । झारखंड के अलावे कर्नाटक , आन्ध्रप्रदेश ,उत्तराखंड में मड़ुआ प्रर्याप्त मात्रा में पाई जाती है। पूर्व में इससे लोग गरीबों का भोजन मानते थे। इसलिए इससे हेय की दृष्टि से देखते थे। जिउतिया पर्व में मड़ुआ का विशेष महत्व होता है। मड़ुआ को ही रागी (Raagi ) कहा जाता है।

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मड़ुआ खाने के फायदे (Madua / Raagi Khane Ke Fayde )-Raagi Aata

मड़ुआ उत्पादन में भारत का शीर्ष दस स्थान में आता है।

➣ डाईबिटीज वालों के लिए मड़ुआ से बनी खाद्य बस्तुएं उत्तम मानी जाती है।ये बिल्कुल शुगर फ्री खाद्य है । इस रोगी के लिए ये रामबाण माना जाता है ।
ये भूख बढ़ाती है।

➣ मड़ुआ में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाई जाती है । लगभग 80% कैल्शियम रहती है।

➣ मड़ुआ के प्रयोग से उच्च रक्तचाप मे नियंत्रण पाया जाता है।

➣ इसके प्रयोग से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। पेट की बीमारी जैसे गैस बनने और कब्ज रहने पर इसको जड़ से मिटाती है।

➣ शरीर मे रक्त की कमी को पूरा करती है।

➣ फैट की मात्रा अल्प रहने के कारण मोटापा दूर करती है।

➣ मड़ुआ के पत्ते को सब्जी बनाकर खाने से जिस स्त्री का दूध कम बनता है उसके लिए विशेष लाभप्रद है।

➣ सर्दी से संबंधित बीमारी को दूर करती है।

madua khane ke fayde -raagi aata

मड़ुआ (Raagi ) का हलुआ बनाने की सरल विधि:-

मड़ुआ को सर्वप्रथम पीसकर इसकाआटा तैयार किया जाता है। चक्की या मिक्सी किसी से पीस सकते है । आमतौर पर इसका प्रयोग रोटी, छिलका , हलुआ , बर्फी , लड्डू , बिस्कुट आदि बनाकर करते है ।

➣ सबसे पहले बर्तन को गर्म करें। उसमें 4-5 चम्मच घी या तेल डालकर गर्म करें।

➣ घी या तेल के अच्छे से गर्म हो जाने के बाद उसमें 5 कप मड़ुआ (रागी) का आटा डाल कर हिलाये ।

➣ धीमी आंच पर मड़ुआ/रागी को लगभग 5 मिनट तक चलाते रहें।

➣ ध्यान रहे कि घी /तेल अच्छी तरह से मड़ुआ(रागी) आटे में मिल जाए और उसमें किसी तरह की गांठ नहीं बनें।

➣ अब चूल्हा को बंद करके इसमें गर्म दूध या पानी को धीरे से डालें और मड़ुआ(रागी) के हलुआ को हिलाते रहे। ऐसा करने से इसमें गाठ नही बनती है ।

➣ अब पुनः चूल्हा को दोबारा से जलाएं और धीमी आंच पर इसे हिलाते रहे। जब तक यह अच्छे से गाढ़ा ना हो जाए तब तक इसे धीरे-धीरे हिलाते रहे।

➣ अंत में इस पर इलायची , काजू, बादाम, चीनी/गुड़ और किशमिश मिलाकर 3-4 मिनट तक कम आंच पर पकाएं।

➣ ध्यान रहे गुड़ का हलुआ बनाने पर गुड़ का घोल पहले से तैयार करके रखें।

अब आपका हलुआ बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर बनकर तैयार है।
आप इससे गरम गरम खाएं और दूसरों को भी खिलाएं।

मड़ुआ का रोटी खाने से क्या फायदा है? (What is the benefit of eating madua roti? )

जानकारी के अभाव में Madua / Raagi Khane Ke Fayde का पूर्णतः लाभ ले नहीं पाते है। आज इस ब्लॉग के माध्यम से ये जानकारी प्रदान करेंगे की मड़ुआ की रोटी खाने से क्या फायदा होती है। ये क्यों खाना चाहिए?

यदि आप मड़ुआ की रोटी नहीं खा सकते है तो गेहूं की आटा में मड़ुआ की आटा को मिक्स कर दीजिए क्योकि इसकी रोटी में विटामिन C और फोलेट होता है। ये स्वास्थ्यवर्द्धक के साथ आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर करता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट सब अच्छा माना जाता है। रोजाना सेवन से इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है। जिसके कारण डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। ग्लूटेन संबंधित समस्याएं हैंके लिए तो मड़ुआ एक बेहतर ग्लूटेन-फ्री विकल्प हो सकता है।

मड़ुआ की रोटी के प्रयोग बेहतर स्वास्थ्य लाभहोती है, क्योंकि इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, और खनिज सामग्री भरपूर मात्रा में होती है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है और पाचन क्रिया को सुधारती है। इनका रोजाना सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है और शरीर के तंतु में सुधार करने में सहायक होती है।

क्या मड़ुआ और रागी एक ही है?

जी हाँ। मड़ुआ (Madua) को ही रागी कहा जाता है। स्थान के अनुसार इनका नाम अलग हो सकता है।

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